अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर 28 फ़रवरी 1909 में सबसे पहली बार महिला दिवस मनाया गया।
-इसके बाद यह फरवरी के आखरी रविवार के दिन मनाया जाने लगा।
-1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन के सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया।
-उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
-1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में लाखों महिलाओं द्वारा रैली निकाली गई। मताधिकार, सरकारी कार्यकारिणी में जगह, नौकरी में भेदभाव को खत्म करने जैसी कई मुद्दों की माँग इस रैली में की गई...रूस की महिलाओं ने 1917 में, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिए हड़ताल करने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऎतिहासिक थी। इसके बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसीलिए 9 मार्च को महिला दिवस मनाया जाने लगा। -
-इसके बाद यह फरवरी के आखरी रविवार के दिन मनाया जाने लगा।
-1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन के सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया।
-उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
-1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में लाखों महिलाओं द्वारा रैली निकाली गई। मताधिकार, सरकारी कार्यकारिणी में जगह, नौकरी में भेदभाव को खत्म करने जैसी कई मुद्दों की माँग इस रैली में की गई...रूस की महिलाओं ने 1917 में, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिए हड़ताल करने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऎतिहासिक थी। इसके बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसीलिए 9 मार्च को महिला दिवस मनाया जाने लगा। -